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Tuesday, November 3, 2009

व से वकील....







कहे, मेरे प्यारे बच्चों,
मेरे पास आओ ना,
मेरे अच्छे संदेशों को,
घर-घर में पहुँचाओ ना,
किसी को कभी दुख मत देना,
आपस में मिलजुल कर रहना,
सबसे प्यारा मानव धर्म,
तुम इसको अपनाओ ना,
कहे मेरे प्यारे बच्चों,
मेरे पास आओ ना।
तुम राम, कृष्ण को याद करो,
सबके दिल में प्यार भरो,
शिवा, प्रताप की इस धरती का,
फिर से तुम नवशृंगार करो,
करके अच्छे-अच्छे काम,
सबका दिल हर्षाओ ना,

कहे, मेरे प्यारे बच्चों,
मेरे पास आओ ना।।
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से वकील, वकालत है करता,
हरदम न्याय की पुस्तक है पढ़ता,
न्यायालय में जिर्रह वह करके,
दोषिओं को है सजा दिलवाता,
अपने इसी कामों के कारण,
निर्दोषों का वह आशीष पाता।।
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प्रभाकर पाण्डेय
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1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

बढिया लिखा है।बधाई।

 
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